Not known Factual Statements About बबूल के फायदे और नुकसान





स्वस्थ आहार अनाज विटामिन तेल पेय फल बीज और सूखे मेवे मसाले हेल्दी रेसपी खनिज पदार्थ

जिन लोगों को स्किन एलर्जी या स्किन संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें भी ग्वार फली का सेवन करने से बचना चाहिए।

इसके गोंद को पानी में डालकर उसकी पिचकारी देने से मूत्राशय की सूजन, सुजाक की जलन और पीब रुक जाता है।

इसके अलावा बराबर-बराबर मात्रा में बबूल या कीकर की फली, त्रिफला (आमलकी, हरीतकी, बहेड़ा) तथा व्योष (सोंठ, मरिच, पिप्पली) के चूर्ण लें। इसमें बराबर मात्रा में गुग्गुलु मिलाकर सेवन करें। इससे भी हड्डियों के टूटने की बीमारी में मिलता है।

यह बहते हुए रक्तस्राव को रोकता है। यह टूटी हड्डियों को जोड़ता है।

ग्वार फली में कैल्शियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। जिन बच्चों की हड्डियां कमजोर होती है उन्हें खास तौर पर ग्वार फली का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

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टॉन्सिल ठीक करे बबूल के गोंद का सेवन करने से टॉन्सिल के कारण होने वाली सूजन से निजात मिलती है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण टॉन्सिल से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।

लेकिन, चेहरे पर बेकिंग सोडा लगाने पर स्किन का पीएच लेवल बिगड़ सकता है. पीएच लेवल बिगड़ जाने पर स्किन पर ब्रेकआउट्स होने लगते हैं और स्किन से जुड़ी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. 

चिकित्सीय इस्तेमाल के लिए पेड़ के उपयोगी हिस्से: पत्तियां, छल, गोंद, और बीज।

इतनी लागू के बावजूद भी अन्य चीजों की तरह बबूल से भी कुछ नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं कि बबूल का वृक्ष कब और किस परिस्थिति में नुकसानदायक साबित हो सकता है?

बबूल के अंतर छाल का क्वाथ बनाकर उस क्वाथ को औटाते औटाते जब उसका घनक्वाथ हो जाए तब उसको आपको मट्ठे के साथ पीने से और भोजन में सिर्फ मट्ठे का आहार लेने से बबूल के फायदे और नुकसान जलोदर तक पहुंचे हुए सब प्रकार के उदर रोग नष्ट हो जाते हैं।

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